कुछ दिन पहले मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा था कि धर्म बलात्कार
को बढ़ावा देते हैं। इसपर कई लोगों ने विरोध जताया और बहुतों ने बेबुनियाद बताया। मैं
इस आलेख के माध्यम से तथ्यों के साथ सारी बातें फिर से लिख रहा हूं।
पोस्ट यह था-
(हिंदू धर्म और
इस्लाम में तो बलात्कार को कहीं गलत बताया ही नहीं गया है। इंद्र ने अहिल्या से
बलात्कार किया, लेकिन वह
देवताओं का राजा बना रहा। सजा मिली भी तो पीड़िता अहिल्या को ही। विष्णु ने तुलसी
का यौन शोषण किया था। जुए के शौक के लिए बीवी को दावं पर लगाने वाले को धर्मराज
कहा गया। मर्यादा पुरुषोत्तम राजा ने अपनी पत्नी को जंगल में भिजवा दिया यह जानते
हुए भी कि वहां कोई भी हादसा हो सकता है। सूर्य, धर्मराज, पवन और इंद्र ने कुंती के साथ जो
किया,
उसे रेप के
अलावा और क्या कहा जा सकता है। द्रोपदी को भी उसकी रजामंदी के बिना पांच भाइयों से
शादी करवा दी गई। इसे आजीवन गैंगरेप की सजा कह सकते हैं।
इस्लाम में तो
रेप पीड़िता को ही कसूरवार ठहरा दिया जाता है। यहां तक कि शरियत के नाम पर भी
गैंगरेप करने के मामले भी प्रकाश में आ चुके हैं। दुबई में शरियत के हवाले से दोषी
के बराबर ही पीड़िता को भी सजा देने का प्रावधान है। गाजी बनने की चाह में जितने
भी मुसलमान दूसरे मुल्कों पर हमला करते थे, वे वहां की औरतों को गुलाम बना लेते थे और अपने सैनिकों में बांट
देते थे। उन महिलाओं के साथ बर्बरता से गैंगरेप किया जाता था। शर्मनाक यह है कि
मौलाना इस्लाम के हवाले से इसकी इजाजत देते थे।
ईसा की मां
मरियम जब कुंवारी थी तभी ईसा का जन्म हुआ था। यीशु को आज तक पिता का नाम नहीं
मिला। संभव है मरियम के साथ किसी ने रेप किया हो।)
रामायण
अब चलिए इसे तथ्यों के आइने में देखते हैं। रामायण हिंदुओं का सबसे
पवित्र ग्रंथों में से एक है। जिसने भी रामायण पढ़ी होगी, वह इस बात को जरूर जानता
होगा कि इंद्र ने अहिल्या से बलात्कार किया था। इसमें एक और देवता ने भी साथ दिया
था- चंद्रमा ने। चंद्रमा को देवता बताने वाले हिंदू ऋषियों के ज्ञान पर बात में
चर्चा कीजिएगा। पहले इस रेपकांड पर चर्चा। रामायण के अनुसार, अहिल्या गौतम ऋषि की
पत्नी थी। हिंदू धर्म में सबसे महान देवता को माना जाता है। आज भी कोई बहुत अच्छा
आदमी होता है तो कह दिया जाता है कि एकदम देवता है। तो महान देवताओं का राजा था
इंद्र। अब राजा की महानता देखिए। वह लंबे समय से अहिल्या की खूबसूरसती पर फिदा था
और किसी तरह उसके साथ सेक्स करना चाहता था। लेकिन उसे किसी तरह मौका नहीं मिल रहा
था। आखिरकार जब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने चंद्रमा की मदद ली। रात में ही
सुबह का एहसास कराकर गौतम को स्नान के लिए नदी भिजवा दिया और खुद अंधेरे में इंद्र
ने अहिल्या के साथ सेक्स किया। जब इसका पता चला तो गौतम ने इंद्र और चंद्रमा को जो
दंड दिया सो दिया, सबसे बड़ा दंड अहिल्या को दिया। उसे पत्थर बनने का शाप दिया। अब
कोई बताए कि अहिल्या का इसमें क्या दोष था? पूरे रामायण में किसी ने भी इस नाइंसाफी
के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई। यानी धोखे से अगर कोई रेप किया तो भी पीड़िता को ही
सजा।
शरीयत
अब बताइये कि कौन रेपिस्ट अपना गुनाह कबूल करेगा या फिर रेप के कितने
मामलों में चार लोग मौजूद रहते हैं। अगर चार लोग मौजूद ही होगा तो कोई रेप कैसे
करेगा? तब भले
ही कर सकता है, जब चारों उस रेप में शामिल हों या गैंगरेप करें। यह भी संभव है कि
चार लोग रेप होते देख लें तो चुप रहने के लिए रेपिस्ट उन्हें भी रेप करने का ऑफर
दे दे या वही लोग ऑफर रख दें। इसके अलावा इस कानून का यह भी अर्थ है कि अगर कहीं
कोई लड़की/औरत एकांत में दिखे तो उसका
रेप कर सकते हैं। कोई देखेगा नहीं तो सजा नहीं होगी। यानी एकांत में मिल जाने पर
किसी भी महिला के साथ रेप और कोई देख ले तो उसे भी अपना साथी बनाकर गैंगरेप करने
की पूरी छूट! यह है शरीयत का कानून यानी कुरान का आदेश। शरीयत के इसी कानून के
चलते अफगानिस्तान में कई रेप पीड़िताओं को ही दोषी मानकर पत्थर से मार-मारकर जान
मार देने के मामले प्रकाश में आते रहे हैं।
विष्णु पुराण
अब विष्णु की कहानी। हिंदु देवताओं के तारणहार भगवान विष्णु। एक
राक्षस था शंखचूड़। वह देवताओं से पराजित ही नहीं हो रहा था। विष्णु ने शस्त्रों
के साथ मनोवैज्ञानिक लड़ाई लड़ी। वह जानता था कि कोई चाहे जितना बलवान हो, उसकी
पत्नी के साथ रेप हो जाए तो वह तत्काल उतना शक्तिशाली नहीं रह जाता। विष्णु ने
शंखचूड़ की पत्नी वृंदा के साथ दुष्कर्म कर दिया और उसे अगले जन्म में तुलसी के
रूप में पत्नी होने का वरदान दिया।
किसी भी सभ्य दुनिया या संस्कृति में इसे कभी सही नहीं माना जा सकता
कि दुश्मन की बीवी के साथ दुष्कर्म किया जाए। क्या इसे जायज माना जाएगा कि भारत
पाकिस्तान में जंग हो और नवाज शरीफ की पत्नी के साथ नरेंद्र मोदी दुष्कर्म करें या
फिर नवाज शरीफ प्रणब मुखर्जी की पत्नी के साथ रेप करें? क्या इसे कोई सही
कहा जा सकता है कि जॉर्ज बुश सद्दाम हुसैन की पत्नी का रेप करें या बराक ओबामा
ओसामा बिन लादेन की पत्नी के साथ बलात्कार करें? दुश्मनी के बनाने औरतों से रेप कैसे जायज
ठहराया जा सकता है? लेकिन हमारे धर्म न केवल इसे सही ठहराते हैं, बल्कि आज तक विष्णु पूज्य
बने हुए हैं।
महाभारत
अब द्रोपदी की कहानी। अमर कथा महाभारत। सबसे पहले द्रोपदी की शादी।
स्वंयवर में तो द्रोपदी ने अर्जुन से शादी की थी। लेकिन ससुराल पहुंचते ही उसे
अर्जुन के शेष चारों भाइयों से भी शादी करनी पड़ी। हिंदुओं में एक आम मान्यता है
कि छोटे भाई की पत्नी को बहन या बेटी समझो और बड़े भाई की पत्नी यानी भाभी को मां
के समान समझो। लेकिन यहां तो पांडवों ने भाभी और भावज दोनों को ही बीवी की ही नजर
से देखा। कथा है कि पांडवों की मां (नकुल और सहदेव की सौतेली मां) कुंती ने द्रोपदी
को बिना देखे ही कह दिया कि पांचों आपस में बांट लो। इसे ही शादी का आधार बताया
जाता है। यह कैसा आधार है? मां ने कह दिया तो खुद पांडवों की नैतिकता कहां
मर गई थी? क्या वे कह नहीं सकते थे कि भावज या भाभी से शादी नहीं कर सकते हैं।
कहा जाता है कि कुंती की बात सत्य साबित करने के लिए पांडवों ने ऐसा किया। पूरे
महाभारत में युद्धिष्ठिर के अलावा किसी के सत्यवादी होने की चर्चा ही नहीं है।
कुंती का तो बिल्कुल ही नहीं। एक अहम सवाल यह भी है कि द्रोपदी की इच्छा क्यों
नहीं पूछी गई? क्या कोई सभ्य लड़की कभी चाहेगी कि ससुराल पहुंचते ही उसके पति के
सारे भाई उससे शादी करें और हनीमून मनाएं? एक बात और। अगर पांडव कौरवों की तरह 100
भाई होते तो? या अगर कुंती ने यह कह दिया होता कि ठीक है, आधे तुम लोग आपस में बांट
लो और आधा पड़ोसियों में बांट दो। या यह कह दिया होता कि मकानमालिक का काफी किराया
हो गया है, जो भी लाए हो, मकानमालिक को किराए में दे दो।
सच तो यह है कि द्रोपदी आजीवन सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई।
बलात्कार भी उसने किया, जिसे हिंदू समाज सत्य और न्याय का पुजारी मानता है-पांडवों
ने। ससुराल में नई नवेली लड़की निरिह होती है। पांडवों ने उसका फायदा उठाया। तेलगु
के एक साहित्यकार ने महाभारत के भाष्य में यह लिखा है कि द्रोपदी इतनी सुंदर थी कि
उसको लेकर पांडवों में फूट पड़ सकती थी। इसलिए कुंती ने यह रास्ता निकाला।(
साहित्यकार का नाम याद नहीं आ रहा है, दिनकर के संस्कृति के चार अध्याय में इसका
जिक्र है)। महाभारत की नायिका द्रोपदी की हालत का अंदाजा लगाइये। ससुराल पहुंचते
ही पांच पति। सभी साथ रहते हैं। किसी नौकरी या ड्यूटी पर भी जाने की फिक्र नहीं।
बाद में यह नियम बना कि सारे पति बारी-बारी से एक-एक सप्ताह द्रोपदी
के साथ रहेंगे। लेकिन इस नियम की चर्चा भी महाभारत में तब आई है, जब पांडव 12 साल
के वनवास पर थे। उससे पहले तक द्रोपदी के साथ वे कैसे रहे और द्रोपदी कैसे रही, इस
पर व्यास मौन हैं। पाठकों को अपने ढंग से समझने के लिए छोड़ दिया गया है। क्या ऐसा
नहीं लगता कि वनवास तक गैंगरेप से काफी प्रताड़ित हो चुकी द्रोपदी ने एक सप्ताह
वाला नियम बनाया?
महाभारत
धर्मनिष्ठ पांडव वनवास कैसे गए, यह भी सभी जानते हैं। धर्मराज
युद्धिष्ठिर ने जुए में पत्नी को ही दावं पर लगा दिया। जो जुए में किसी की बीवी को
जीतेगा वह उसके साथ क्या करेगा, यह दावं पर बीवी को लगाने वाले जुआरियों को भी पता होता
है। अब बताइये कि जुए में जीती द्रोपदी को सरेआम नंगा करने पर उतारू दुर्योधन अधिक गलत है या फिर
दावं पर लगाने वाला युद्धिष्ठिर? यह धर्मराज की करतूत थी। यानी महाभारत का सबसे
धर्मनिष्ठ पात्र अपनी बीवी को जुए में दावं पर लगाता है। अब धर्म का अनुसरण कैसे
किया जाए?
पांडवों के जन्म की कहानी सभी जानते होंगे। कुंती को वरदान मिला कि वह
जिस देवता को बुलाना चाहेगी, वह आ जाएंगे। पहले सूर्य देवता आए। कमसिन कुंती डरकर
जाने को कहने लगी। सूर्यदेव ने कहा कि वह आते हैं तो यूं ही नहीं जाते। कुछ न कुछ
देकर ही जाते हैं। सूर्यदेव ने कुछ के नाम पर कुंती को बेटा दिया-कर्ण। कुंती ने कर्ण
को जन्म दिया था। अब कोई औरत किसी बच्चे को कैसे जन्म दे सकती है, यह सभी लोग
जानते हैं। सूर्य देवता कुछ और भी दे सकते थे, लेकिन उन्होंने कुंती को पुत्र
दिया। जाहिर सी बात है कि डरती हुई कुंती के साथ सूर्यदेव ने रेप किया। दिलचस्प है
कि उसी रेपिस्ट सूर्यदेव से आज भी हिंदू स्त्रियां छठ करते हुए पुत्र का वरदान
मांगती हैं। कहीं सचमुच वरदान देने आ गए तो...। कुंती के अन्य पुत्रों की भी
कमोबेश यही कहानी है। यह भी हो सकता है कि कुंती ने बाद में अन्य देवताओं से
स्वेच्छा से सेक्स किया हो।
मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने सीता को लक्ष्मण के हाथों जंगल में भेज
दिया। जंगल में सीता की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं था। अगर वहां सीता के साथ
कोई हादसा नहीं हुआ तो यह महज एक संयोग है। राम ने तो ऐसे हालात बना दिए थे कि सीता
के साथ रेप या गैंगरेप कुछ भी हो सकता था।
रामायण
रामायण की एक और बात। सभी जानते हैं कि साहित्य में कई बातें इशारों
में लिखी जाती हैं। जिक्र है कि राम के कहने पर लक्ष्मण ने सूर्पनखा का नाक-कान
काट लिया। नाक-कान कटना मतलब इज्जत लेना होता है। बहुत संभव है कि वाल्मीकि ने मुहावरे
का इस्तेमाल किया हो।
इस्लाम
अब फिर से इस्लाम की चर्चा। इतिहासकार भी सहमत हैं कि मुस्लिम
आक्रमणकारियों ने जब भारत पर आक्रमण किया, तब बड़ी संख्या में हिंदू महिलाओं के
साथ गैंगरेप किया था। औरों की बात छोड़िए। तैमूर लंग ने अपनी आत्मकथा माल्फुजत ए
तैमूरी या तुजुक ए तैमूरी लिखी थी। हिंदी में उसका अनुवाद दिल्ली के आंसू के नाम
से विश्व सुलभ साहित्य ने प्रकाशित किया है। उसमें तैमूर ने लाखों हिंदू महिलाओं
के साथ उसके सिपाहियों द्वारा रेप और गैंगरेप की बात कबूली है। दिलचस्प है कि
इसमें मौलवी तैमूर और उसके सिपाहियों को बढ़ावा देते थे। मौलवियों ने उसे गाजी की
उपाधि देने का लालच दिया था। तैमूर लंग की आत्मकथा में कई बार जिक्र है कि जीते गए
इलाके के तमाम हिंदुओं का कत्ल करने के बाद औरतों को सैनिकों में बांट दिया जाता
था।
इस्लाम
कुरान
इस्लाम में एक प्रथा है हलाला। हलाला को आप
वाइफ स्वैपी भी कह सकते हैं यानी बीवी की अदलाबदली। मसला यह है कि अगर किसी
व्यक्ति ने अपनी बीवी को तलाक, तलाक, तलाक कह दिया तो तलाक हो गया। चाहे उसने नींद
में कही हो या गुस्से में कही हो, मजाक में कही हो या नशे में कही हो, या किसी
गफलत में या चाहे पूरे होशोहवास में। अब अगर उसे अपनी पत्नी के साथ रहना हो तो फिर
से निकाह करना होगा। लेकिन कुरान इसकी इजाजत नहीं देता। नियम यह है कि तलाकशुदा
स्त्री को पहले किसी दूसरे मर्द के साथ निकाह कर कम से कम एक रात की बीवी बनना
होगा और उससे तलाक लेकर फिर पहले मर्द के साथ शादी करनी होगी। साथ में यह भी जानिए
कि इस्लाम में तलाक मर्द ही दे सकता है औरत नहीं। अगर दोनों के एक-दो बच्चे हों और
गुस्से में मर्द ने तलाक शब्द तीन बार दुहरा दिए तो इस्लाम के अनुसार अब दोनों साथ
नहीं रह सकते। इसके लिए जरूरी है कि औरत किसी और की बीवी बने। इसमें औरत की
रजामंदी की कोई जरूरत नहीं है। उसे अपने बच्चे और शौहर के पास आने के लिए किसी
दूसरे मर्द के साथ सेक्स करना ही होगा। यह बलात्कार को बढ़ावा नहीं तो और क्या है? यह तो तब भी किया जा सकता है जब दो मर्दों को अपनी बीवियों का
अदलाबदली करने का मन करे। ऐसे में दोनों अपनी-अपनी बीवी को तलाक दे दे और बीवियों
की इच्छा हो या न हो, वे हलाला के नाम पर एक-दूसरे की बीवी के साथ सेक्स करें।
इसीलिए इसे मैंने वाइफ स्वैपी भी कहा।
अब बताइये कि धर्म बलात्कार को बढ़ावा देते हैं या नहीं। आलेख थोड़ा लंबा हो गया, समय मिला तो अगली दफा कभी अन्य धर्मों पर चर्चा।
सुधीर